तुम आना
अगली बारिश के बाद
मेरे आँगन की गीली मिट्टी में अपने पाओं के निशान छोड़ जाना
तुम आना
अगले जाड़ों में
मेरे कम्बल में अपनी महक छोड़ जाना
तुम आना
तुम आना
अगले पतझड़ में ,
मेरे वीरान पेड़ों में , अपनी हँसी छोड़ जाना
तुम आना
तुम आना
अगली गर्मियों में
मेरी उदास शामों में , अपना गुलाबी रंग छोड़ जाना
तुम्हारा चेहरा अब मेरी यादों में धुंधला हो चला है
तुम आना
मेरी यादों में अपनी एक तस्वीर छोड़ जाना
तुम आना
- त्रिशान्त
12/11/13
- त्रिशान्त
12/11/13